गुरुवार, 18 नवंबर 2010

मेरी पहली अभिव्यक्ति....बकरा


काफ़ी दिनों से इस उधेड़ बुन में था की हिन्दी में ब्लॉग कैसे लिखा जाय ?खैर, संजय ने समस्या सुलझा दी .नतीजे में एक और ब्लॉग आत्मा आपके सामने है।
आज कुछ मल्टी लेवल मार्केटिंग के बन्दे मेरे पास आए.देश के लाखो बिना मेहनत के रातोरात करोड़पति बनने का सपना देखने वाले एलीटक्लब में मैं भी चार बार शामिल हो चुका हूँ .और हर बार मैंने अपनी मेहनत की कमाई को बिना किसी मेहनत गवाया है.अलबत्ता मैं यह तो नही बता सकता की मैंने गीता के सहज योग की प्रेरणा अथवा अंतर्मन के लालच की पराकाष्ठा ,किस वजह से उनको धैर्य से सुना .पर उन्होंने जो कुछ भी सफलता की सीढ़ी मेरे सामने चित्रित की मैं उसे आपके सामने रखना चाहता हूँ ।
सन्क्षेप में बताया जायतो करोड़पति बनने अथवा लिमोसिन खरीदने अथवा पाम बीच आइलैंड पर घर खरीदने का एक सबसे सरल तरीका है ,और वे लोग किसी ईशवरीय प्रेरणा से केवल आप जैसे लोगो के उद्धार के लिए निस्वार्थ भावना से आपके पास आए है .आपको इसके लिए केवल अपनी मेहनत की कमाई वह छोटा सा हिस्सा जिसके बिना आपको अपने मासिक राशन को कुछ और समय के लिए उधार लाना भर पड़ेगा ।
एक बार इस महान त्याग के बाद आप इस के मेंबर बन जायेगे जिनको वे बकरा कहते है .बस एक बार बकरा बनने के बाद आप को अपने जैसे तीन और लोगो को बकरा बनाना होगा , उसके बाद आप कुत्ते बन जायेगे .यह आपकी सफलता की पहली सीढ़ी होगी .बाद में जब तीन कुत्ते आपके दाई ओर तथा तीन बाई ओर हो जायेगे तो आप कमीने बन जायेगे .इसी तरह से आप कमीनो को जोड़ कर नीच तथा कई नीचो को जोड़कर नराधम बन जायेगे ।
तो साथियो , ये है सफलता का शोर्टकट .इसको गैस पेपर या वन वीक सीरिज भी कहते है।
तो अब आप मुझे पाम बीच पर कब बुला रहे हो ।
आपका अपना ,आपके जैसा .................
बकरा .

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